प्राणियों और पक्षियों में अनिष्ट तत्वों को पहचान कर उन्हें समाप्त करने की अद्भुत शक्तियाँ व क्षमता होती हैं। इस ब्रह्मांड में व्याप्त नकारात्मक शक्तियों को निष्क्रिय बनाने की ताकत इन पालतू प्राणियों में होती है। हमारे शास्त्रों में गाय के संबंध में अनेक बातें लिखी हुई हैं जैसे- शुक्र की तुलना सुंदर स्त्री से की जाती है। इसे गाय के साथ भी जोड़ते हैं। अतः शुक्र के अनिष्ट से बचने के लिए गौदान का प्रावधान है।यदि वास्तु में उत्तर पश्चिम में कोई विशेष दोष हो और ऐसा दोष हो जिसे ठीक न किया जा सकता हो तो गौ सेवा लाभ देती है | जिस भू-भाग पर मकान बनाना हो तो पंद्रह दिन तक गाय-बछड़ा बाँधने से वह जगह पवित्र हो जाती है। भू-भाग से बहुत सी आसुरी शक्तियों का नाश हो जाता है। मछलियों को पालने व आटे की गोलियाँ खिलाने से अनेक दोष दूर होते हैं। इसके लिए सात प्रकार के अनाज के आटे का पिंड बना लें।फिर अपनी आयु जितनी गोलियाँ बनाकर मछलियों को खिलाएँ। घर में फिश-पॉट (मछली पात्र) रखना भी लाभकारी जो सुख-समृद्धिदायक है। जब घर में मछली रखे तो आठ सुनहेरी और एक काली ही रखे | मछली पलना वास्तु के इशान कोण के दोष को दूर करता है | तोते का हरा रंग बुध ग्रह के साथ जोड़कर देखा जाता है। अतः घर में तोता पालने से बुध की कुदृष्टि का प्रभाव दूर होता है। यदि घर की उत्तर दिशा में दोष हो तो भी तोता पलना लाभ देता है | घोड़ा पालना भी शुभ है। सभी लोग घोड़ा पाल नहीं सकते फिर काले घोड़े की नाल को घर में रखने से शनि के कोप से बचा जा सकता है। शनि को प्रसन्न करना हो तो कौवों को भोजन कराना चाहिए। तद्नुसार काले कौवे को भोजन कराने से अनिष्ट व शत्रु का नाश होता हैतथा वास्तु में दक्षिण पश्चिम के वास्तु दोषों में भी रहत मिलती है | मनुष्य का सबसे वफादार माना जाने वाला मित्र कुत्ता भी नकारात्मक शक्तियों को नियंत्रित कर सकता है। उसमें भी काला कुत्ता सबसे ज्यादा उपयोगी सिद्ध होता है।

I,Vaibhava Nath Sharma wish to act as a Catalyst in attainment of your peace in life through my humble Suggestions and Vedic Remedies. I am by profession an Astrologer and Vastu Consultant.I aspire to be of assistance in various challenges related to your Personal, Career, Financial, Health, Educational and Family Matters. I therefore invite you all to share your Miseries/ Worries/ Tensions and be lifted of it through easy and simple solutions that account for a happier and Prosperous Life.
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Thursday, June 16, 2011
कैसी हो अध्ययन टेबल की व्यस्था व संयोजना कुछ प्रमुख सूत्र
1- अध्यन की टेबल पर अपने आराध्य देव, गुरु या जिस किसी देवी देवता को आप मानते हो अथवा विद्या के अधिपति देवी व देवता जैसे माँ सरस्वती, गणेश जी को अपने सामने उनकी निरंतर कृपा प्राप्ति हेतु रख सकते है |
2- टेबल हमेशा आयताकार होना चाहिए, गोलाकार या अंडाकार नहीं होना चाहिए।
3- टेबल के कोने कटे न हो और वह टूटी न हो, कर्कश आवाज़ न करती हो यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए |
4- टेबल का रंग सफेद, पीला या उससे सम्बंधित रंग उत्तम होता है।
5- कम्प्यूटर टेबल पूर्व मध्य या उत्तर मध्य में रखें। ईशान में न रखें। पश्चिम दिशा में भी रख सकते है |
6- अध्ययन टेबल व कुर्सी के ऊपर सीढ़ियाँ, बीम, कॉलम ना हों।
7- अध्यन टेबल सदैव साफ़ सुथरी हो, धुल धूसरित कभी भी ना हो उससे पढाई में मनं नहीं लगता और एकाग्रता भंग होती है |
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