Monday, June 20, 2011

क्या फल देगा राहु - केतु का राशी परिवर्तन...?

विगत 6 जुन 2011को राहु और केतु ने अपना स्थान बदला जिसे राशी परिवर्तन कहते है | राहु और केतु किसी भी राशी में 18 महीने तक रहते है | यह दोनों ग्रह वक्री अवस्था में चलते है और दोनों अपनी नीच राशी से निकल कर राहु धनु से वृश्चिक में व केतु मिथुन से वृषभ में आये | यही कुछ लोगो ने इसे 18 वर्ष बाद हुए एक विशेष खगोलीय व ज्योतिषीय घटना का नाम दिया किन्तु ऐसा नहीं है, ग्रहों का यह राशी संक्रमण एक अनवरत प्रक्रिया है | मैं उनलोगों से पूछना चाहता हूँ जिन्होंने ने इसे 18 वर्ष बाद हुए एक विशेष खगोलीय व ज्योतिषीय घटना का नाम दिया की क्या 18 वर्ष तक राहु केतु एक ही राशी में रहे ? ऐसा संभव ही नहीं और ऐसा सृष्टि के विनाश का सूचक है | यदि वह यह कहे की राहु 18 वर्ष बाद पुन: वृश्चिक में आया तो यह बात मानी जा सकती है व न्याय सूचक व तर्क संगत है | अत: समस्त ज्योतिषी व ज्योतिष कार्य में संलग्न बंधुओ से अनुरोध है के ऐसी भ्रामक बातो का प्रचार न करे या कही सुने तो जनता का भ्रम दूर कर सत्य ज्ञान का बोध कराये |

आइये अब जानते है की इस परिवर्तन का राशियो पर क्या प्रभाव होगा ?


मेष - यह समय धननाश करने वाला होगा अत: निवेश बहुत ही सोच समझ कर करे |
क्या करे- हनुमद आराधना से लाभ संभव |
क्या न करे- निवेश न करे |


वृषभ - राजभय की स्थति बनती दिखाई देती है | किसी के कहे में आकर गलती से भी गलत कार्य में संलग्न न हो न ही सहियोग करे |
क्या करे- शिव आराधना करे |
क्या न करे- किसी के विवाद में न पड़े |


मिथुन - महासुख की प्राप्ति व परिवार का पूरा सहियोग व सानिध्य प्राप्त होगा |
क्या करे- श्री राम की अर्धना करे |
क्या न करे- परिश्रम से पीछे न हटे |


कर्क - धननाश के योग है तो व्यापार वृद्धि व निवेश में सतर्क रहे |
क्या करे- माँ दुर्गा की आराधना से लाभ होगा |
क्या न करे- लालच में न पड़े |


सिंह - सामाजिक प्रतिष्ठा की हानि व अपमान के योग बनते है, सैयम रखे |
क्या करे- विष्णु आराधना फलित होगी |
क्या न करे- कोर्ट कचहरी के विवाद से बचे |


कन्या - सौभाग्य में वृद्धि व धन की प्राप्ति होगी |
क्या करे- माँ लक्ष्मी किया आराधना लाभ देगी |
क्या न करे- निवेश से बचे |


तुला - तुला राशी वालो के लिए यह संक्रमण कलह की परिस्थति ले कर आया है | अत: पारिवारिक विवाद या अन्य किसी भी विवाद से स्वयं को दूर रखे |
क्या करे- वाणी पर नियंत्रण रखे |
क्या न करे- आपा न खोये |


वृश्चिक - अनजाने भय की स्थति बनी रहेगी |
क्या करे- ऐसी परिस्थति में माँ दुर्गा, भैरव की आराधना फलित होगी |
क्या न करे- सोचे बिना कार्य न करे |


धनु - स्वास्थ्य समस्या व भरी कष्ट की स्थति बनती है |
क्या करे- महामृतुन्जय मंत्र का जाप करे |
क्या न करे- स्वास्थ्य की अनदेखी न करे |


मकर - धनलाभ के विशेष योग है | आर्थिक पक्ष मजबूत होगा |
क्या करे- निवेश हेतु उत्तम समय |
क्या न करे- समय व्यर्थ न करे |


कुम्भ - कलहपूर्ण वातावरण बना रहेगा अत: क्रोध व तनाव पर नियंत्रण रखे |
क्या करे- माँ संकठा की आराधना से उत्तम फल मिलेगा |
क्या न करे- विवाद को बढ़ावा न दे |


मीन - दुःख व कष्ट की परिस्थति का सामना हो सकता है |
क्या करे- धीरज से काम ले |
क्या न करे- जल्दीबाजी न करे |

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